प्रेस क्लब अध्यक्ष के खिलाफ द्वेषभावना पूर्वक कार्रवाई के विरोध में पत्रकार एकजूट, मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
<span;>- प्रेस क्लब शिवगंज-सुमेरपुर की बैठक में वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा व महेन्द्र माली के खिलाफ जिला अस्पताल के पीएमओ की ओर से द्वेषभावना पूर्वक पुलिस थाने में रिपोर्ट देने पर निंदा प्रस्ताव पारित किया
<span;>- जिला अस्पताल में चल रहे भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी व एनपीए उठाने के बाद भी अपने नर्सिग होम व क्लिनिक चलाने की उच्च स्तरीय जांच करवा कार्रवाई करने की मांग
शिवगंज। राजकीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की ओर से गत दिनों द्वेषभावना पूर्वक प्रेस क्लब अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा व नवज्योति संवाददाता महेन्द्र माली के खिलाफ पुलिस थाने में मनगठंत तथ्यों के साथ झुठी रिपोर्ट देने और उन पर अस्पताल की समस्याओं का प्रकाशन नहीं करने के लिए दबाव बनाने को लेकर पत्रकारों में रोष है। मामले को लेकर प्रेस क्लब की बैठक में पीएमओ की ओर से अपने पद का दुरूपयोग करते हुए की गई इस कार्रवाई पर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर मामले के दोषी चिकित्सकों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की गई।
प्रेस क्लब शिवगंज-सुमेरपुर की ओर से उपखंड अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में बताया है कि विगत 22 अक्टूबर 2024 को प्रेस क्लब शिवगंज-सुमेरपुर के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा को आम जनता से जानकारी मिलने पर कि जिला अस्पताल में अस्पताल समय के दौरान चिकित्सक अपने कक्ष में मौजूद नहीं मिलते है। अस्पताल में प्रसव के नाम पर खुले आम भ्रष्टाचार हो रहा है। जिला अस्पताल में दो-दो सोनोग्राफी मशीनें होने के बावजूद कमीशनखोरी के चक्कर में चिकित्सक प्रसुताओं से बाहर से सोनोग्राफी करवाकर लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यह जानकारी मिलने पर पत्रकार शर्मा जिला अस्पताल गए थे। उस समय अस्पताल समय के बावजूद अधिकांश चिकित्सक अपने कक्ष में नहीं थे और उनके कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई थी। पीएमओ डॉ गोपालसिंह भी अपने कक्ष से नदारद थे। उनके कक्ष के बाहर भी काफी संख्या में मरीज खड़े दिखाई दिए। जिस पर शर्मा ने अस्पताल में ड्यूटी कन्ट्रोलर डॉ मानकचंद जैन से संपर्क किया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई।
आखिरकार पत्रकार शर्मा ने भाजपा के नगर अध्यक्ष ताराचंद कुमावत और मेडीकल रिलीफ सोसायटी के मनोनित सदस्य पंकज अग्रवाल से दूरभाष पर संपर्क किया। कुछ ही देर में वे दोनों भी अस्पताल आ गए। इस दौरान भाजपा नगर अध्यक्ष ने पीएमओ से दूरभाष पर संपर्क कर अपने कक्ष में आने के लिए कहा। कुछ समय बाद डॉ सिंह अपने कक्ष में आए तो भाजपा नगर अध्यक्ष व मेडीकल रिलीफ सोसायटी सदस्य के साथ पत्रकार शर्मा भी उनके कक्ष में गए। वे तीनों अस्पताल की समस्याओं को लेकर डॉ सिंह से बातचीत कर ही रहे थे। इसी दौरान डॉ सिंह पत्रकार शर्मा की ओर से पुछे गए सवाल पर अपना आवेश खो बैठे और पत्रकार पर चिल्लाने लगे कि तू मेरा अफसर थोड़े ही है जो तेरी हर बात का जबाव दूंगा। मेरे से मिलने के लिए अपोइंटमेंट लेकर आया कर।
ज्ञापन में बताया है कि डॉ सिंह को आक्रोशित होता देख पत्रकार शर्मा बाहर आ गए। इस दौरान डॉ सिंह के मिलने वाले व्यक्ति जिसे वे पहले से ही अपने साथ लेकर आए थे, उससे बहस हो गई। कुछ देर के बाद आपसी मामला शांत हो गया।
ज्ञापन में बताया है कि चूंकि पत्रकार मनोज शर्मा अस्पताल में मरीजों को होने वाली दुविधाओं और राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध सुविधाओं का पूरा लाभ नहीं मिलने सहित अस्पताल में पनप रहे भ्रष्टाचार को लेकर खबरों का प्रकाशन करते रहे है। जिससे अस्पताल के पीएमओ सहित सरकार से एनपीए लेने के बावजूद खुद के अस्पताल संचालित करने वाले चिकित्सक उनसे खासे नाराज रहते है। इसी वजह से इस घटना के बाद कुछ चिकित्सकों ने डॉ सिंह को उकसाते हुए उनका सहयोग कर दूसरे दिन उपखंड अधिकारी को पत्रकार शर्मा के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने संबंधित ज्ञापन देने पहुंचे। इसकी जानकारी मिलने पर पत्रकार शर्मा ने भी अपनी सुरक्षा के लिए 24 अक्टूबर को पुलिस थाने में पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए एक रिपोर्ट थानाधिकारी को पेश की। इसके अगले दिन 25 अक्टूबर की रात्रि करीब साढे नौ बजे पीएमओ अपने साथ दो तीन चिकित्सकों और एक अन्य व्यक्ति के साथ थाने पहुंचे और पत्रकार शर्मा के खिलाफ मनगठंत तथ्यों के साथ झूठी रिपोर्ट पेश की। इसके साथ ही एक अन्य पत्रकार महेन्द्र माली की ओर से खबर प्रकाशित करने पर उसी दिन पुलिस थाने में उसके खिलाफ भी रिपोर्ट दी गई है।
ज्ञापन में बताया है कि अस्पताल के पीएमओ डॉ गोपालसिंह पत्रकार स्वतंत्र रूप से अस्पताल की समस्याओं से संबंधित खबरों का प्रकाशन नहीं करें इसके लिए निरंतर उन पर दबाव बनाने और उन्हें झुठे मुकदमों में फंसाने का प्रयास कर रहे है। ताकि अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी की खबरें बाहर नहीं आ सके। चिकित्सक सिंह के इस कृत्य एवं मरीजों को हो रही दुविधाओं से पत्रकारों में रोष है। इस संबंध में प्रेस क्लब शिवगंज सुमेरपुर की ओर से बैठक का आयोजन किया जाकर अस्पताल के पीएमओ की ओर से द्वेषभावना पूर्वक की गई कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला करने वाले अस्पताल के पीएमओ को निलंबित कर खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए। साथ ही सरकार से एनपीए के नाम पर मोटी रकम उठाकर भी अपने खुद के नर्सिग होम, क्लिनिक चलाने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।