तखतगढ़ बस स्टेण्ड पर खड़ी बस लगी पट्टिका क्या संदेश दे रही है जरा गौर कीजिए . . . नशा मुक्ति का नारा और रोडवेज बसों पर तंबाकू की एड सरकार का दोहरा खेल !

तखतगढ़ बस स्टेण्ड पर खड़ी बस लगी पट्टिका क्या संदेश दे रही है जरा गौर कीजिए . . . नशा मुक्ति का नारा और रोडवेज बसों पर तंबाकू की एड सरकार का दोहरा खेल !3
पाली । राजस्थान सरकार और प्रशासन बार-बार नशा मुक्ति का संकल्प दिलाने की बात कर रहे हैं। जगह-जगह अभियान चल रहे हैं, बच्चों को शपथ दिलाई जा रही है, महिलाओं और युवाओं से अपील की जा रही है कि नशे से दूर रहें।
लेकिन विडंबना देखिए जिन रोडवेज बसों में जनता सफर करती है, उन्हीं बसों पर मिराज तंबाकू जैसी कंपनियों की बड़ी-बड़ी विज्ञापन पट्टिकाएं चिपकाई जा रही हैं। एक तरफ़ सरकार कहती है नशा छोड़ो, और दूसरी तरफ़ सरकारी बसों पर नशे का प्रचार करवाकर आमजन, खासकर बच्चों और युवाओं को गुमराह किया जा रहा है।
आखिर सरकार जनता को किस ओर ले जा रही है
नशा मुक्ति का संकल्प सिर्फ भाषणों तक ही सीमित क्यों है
क्या विज्ञापन से होने वाली कमाई नशा मुक्ति अभियान से भी ज़्यादा अहम है
यह सरकार और प्रशासन का खुला विरोधाभास है। जनता अब सवाल कर रही है कि क्या सरकार वास्तव में नशा मुक्ति चाहती है या सिर्फ दिखावा कर रही है
अब समय आ गया है कि प्रशासन अपनी आंखें खोले और ऐसी ग़लत विज्ञापन नीतियों पर तुरंत रोक लगाए।