ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं तक पहुँचेगी वित्तीय साक्षरता, निवेशक दीदी पहल बनेगी सशक्तिकरण का आधार” — मदन राठौड़

“ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं तक पहुँचेगी वित्तीय साक्षरता, निवेशक दीदी पहल बनेगी सशक्तिकरण का आधार” — मदन राठौड़
——————————
“फेज-2 में 4000 शिविरों के जरिए 3 लाख से अधिक लाभार्थियों को मिलेगा लाभ, ग्रामीण महिलाओं को विशेष प्राथमिकता” — मदन राठौड़
DBT NEWS पाली जयपुर, 21 अगस्त 2025 । राजस्थान से राज्यसभा सांसद श्री मदन राठौड़ ने कारपोरेट कार्य मंत्रालय से निवेशक दीदी पहल के दूसरे चरण (फेज-2) को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए। उन्होंने शिविरों की संख्या, लक्षित लाभार्थियों तक पहुँच, राज्यवार कार्यक्रम और विशेषकर ग्रामीण महिलाओं में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने हेतु अपनाई गई प्रक्रियाओं पर विस्तृत जानकारी मांगी। यह प्रश्न प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार की लोकहितकारी योजनाओं और ग्रामीण सशक्तिकरण के प्रति सांसद राठौड़ की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सांसद श्री राठौड़ के प्रश्नों के उत्तर में कारपोरेट कार्य मंत्रालय एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री हर्ष मलहोत्रा ने बताया कि निवेशक दीदी पहल फेज-2 के अंतर्गत अगले दो वर्षों में ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लगभग 4000 वित्तीय साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से 3 लाख से अधिक लाभार्थियों को लक्षित किया गया है, जिसमें प्राथमिकता महिलाओं और विशेषकर ग्रामीण महिलाओं को दी जाएगी। इस महत्वाकांक्षी पहल का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों तक वित्तीय प्रबंधन और निवेश संबंधी बुनियादी जानकारी पहुँचाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
श्री मल्होत्रा ने आगे बताया कि प्रत्येक शिविर के उपरांत प्रभाव मूल्यांकन (Impact Assessment) किया जाएगा, जिसमें प्रतिभागियों के कार्यक्रम से पहले और बाद के वित्तीय जागरूकता स्तर की तुलना होगी। इस पारदर्शी और परिणामोन्मुखी व्यवस्था से न केवल योजना की सफलता का आकलन किया जाएगा, बल्कि भविष्य में और प्रभावी रणनीतियाँ बनाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
सांसद श्री मदन राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लगातार महिलाओं के सशक्तिकरण, वित्तीय समावेशन और ग्रामीण विकास के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि निवेशक दीदी जैसी पहलें महिलाओं को न केवल वित्तीय दृष्टि से सशक्त बनाएंगी बल्कि उन्हें समाज और परिवार में निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदान करेंगी एवं यह पहल ग्रामीण भारत के आर्थिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में मोदी सरकार के संकल्प को मजबूती प्रदान करती है और महिलाओं को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनाने का मार्ग प्रशस्त करती है।