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तखतगढ़ नगर पालिका : आवश्यक बोर्ड बैठक में अधिशाषी अधिकारी ने बैठक आहुत करने सम्बंधित सूचना को पढ़कर सुनाने के बाद पार्षदो ने मचाया हंगामा , बोले फर्जीवाडा निलामी प्रक्रिया एक बोर्ड ने सिरे से निर्णय लेकर खारिज किया , फिर प्रकरण आगे किसके इशारे पर बढ़ा

तखतगढ़ ( पाली )

तखतगढ़ नगर पालिका की आवश्यक बैठक पालिका अध्यक्ष ललित रांकावत की अध्यक्षता में बुलाई निर्धारित समय से पौने घंटे देरी से शुरू हुई बैठक में अधिशाषी अधिकारी मगराज चौधरी ने माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान एस.बी.सिविल रिट पीटीशन संख्या 19337/2024 से 19381/2024 तक के पीटीशनरो को राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक माह भीतर-भीतर प्राप्त अभ्यावेदनो के निस्तारण हेतू बोर्ड बैठक बुलाई गई है।बोर्ड से अनुरोध कि इस प्रकरण पर आप अपनी राय देवे।

सत्ता पक्ष विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पूर्व बोर्ड बैठक में तत्कालीन इओ द्वारा नीलामी निकाली गई थी तो इस पर वर्ष 2019-20 में नीलामी प्रक्रिया से पूर्व ही संभागीय आयुक्त कार्यालय जोधपुर से नीलामी प्रक्रिया के विरुद्ध स्थगन आदेश लाया गया था, जब नीलामी प्रक्रिया ही स्थगित करवाई गई थी तो फिर ये प्रकरण इतना आगे कैसे बढा इस प्रकरण को आगे बढाने में किसकी भूमिका रही। उन सभी दोषियो के विरुद्ध पालिका स्तर से मुकदमा दर्ज करवाया जाये।

जिस पर उपस्थित सभी पार्षदो ने एकराय होकर सहमति दी की इस प्रकरण को यही अपास्त किया जाय और दोषियो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए जिससे की मामला फिर से कभी आगे नही बढ सके।

उपाध्यक्ष मनोज नामा ने पालिका अध्यक्ष को इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि मेरी जानकारी में यह प्रकरण नही था। एम्पावर्ड कमेटी की बैठक भी मेरी गैर-मौजूदगी में हुई थी, व एम्पावर्ड कमेटी में लिया गया प्रस्ताव स्वामी विवेकानंद बस स्टैंड के पास वाली भूमि नीलामी, सिंचाई विभाग एवं डाक बंगले के सामने वाली भूमि नीलामी की जानी है नीलामी योजना के निम्न प्रावधान इस प्रकार है कि निदेशक स्थानीय निकाय विभाग जयपुर के संदर्भित आदेश दिनांक 14.6.2022 के अनुसार निगरानीकर्तागण (श्रीमति सरसा पत्नी भूराराम मेघवाल व अन्य के द्वारा नगरपालिका की बैठक दिनांक 05.07.2021 के बैठक कार्यवाही विवरण कार्यालय नगरपालिका तखतगढ के पत्र क्रंमाक एफ/01 सामान्य शाखा /2021/1237 दिनांक 06.07.21 में पारित प्रस्ताव संख्या 15 जिससे पूर्व नीलामी को निरस्त करने का निर्णय पारित करने के उपरांत निगरानीकर्ताओ द्वारा पालिका के विरुद्ध पालिका अधिनियम 2009 की धारा 337 के अंतर्गत निगरानी मय प्रार्थनापत्र पत्र निदेशक के समक्ष प्रस्तुत किया गया। तो क्या इतनी प्रक्रिया चली और आपकी जानकारी में यह मामला क्यो नही आया। इस पर पालिकाध्यक्ष ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि एम्पावर्ड कमेटी की बैठक23.9.2023 जो बुलाई गई थी उसकी जानकारी नही थी और मुझे दस्खत भी बाद में करवाए गये थे। इस पर पालिकाध्यक्ष उपाध्यक्ष मनोज नामा खासे नाराज होकर अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी । चैयरमैन से सवालो की झडी लगाते हुए यह कहने लगे कि आपको तो और भी पालिका में क्या क्या हुआ इस भी कोई जानकारी नही होगी। क्या टास्कावावास में 120×120 के मिनी गार्डन में 10 लाख रुपये के स्ट्रीट पोल का टेंडर निकाला था उसकी भी जानकारी नही है। इस पर तरह से चैयरमैन को पालिका में हुए अन्य भ्रष्टाचार और जमीनो के घोटालो पर सवाल पूछते रहे। एक बारगी तो माहौल ऐसा बना कि सभी पार्षदो ने सामुहिक इस्तीफे देने की बात तक कह डाली कि आपके इन सभी अनुचित कारनामो की वजह से हमें गांव वालो के सामने शर्मिंदा होना पड रहा है।

इस पर सभी पार्षद भी एकजुठ होकर इस बोर्ड की सबसे बडी बदनामी बताया , जब पूर्व बोर्ड में भी फर्जी तरीके से निकाली नीलामी को बोर्ड ने विधायक की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में अनुज्ञा-पत्र व खांचा भूमि सम्बंधित मामले को निरस्त कर दिये जाने का निर्णय लिया था तो यह मामला फिर बार बार आगे क्यो बढ रहा है।

पूर्व पालिकाध्यक्ष अंबादेवी रावल ने बताया कि पालिका क्षेत्र की बेशकीमती जमीनो पर भूमाफियाओ की निगाह है यदि बोर्ड का रवैया इसी तरह चलता रहा तो करोडो की जमीन कौडियो के दाम हाथ से निकल जायेगी। इस मामले को निरस्त किया जाए और जो भी इस प्रकरण में जनप्रतिनिधीगण या अधिकारी कर्मचारी शामिल है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में जरुर लाई जाए।

नेता प्रतिपक्ष अनराज मेवाडा ने बैठक में कहा कि ये क्या मामला है जब 4 साल पूर्व ही इसी सभागार में कथित नीलामी प्रक्रिया जो कि पालिका द्वारा कोई नीलामी प्रक्रिया अपनाई ही नही थी तो फिर ये नीलामी शब्द की आड में बेशकीमती जमीन को कौडियो के दाम पर दिये जाने का सारा मामला किसने तैयार करवाया है जब 06 जुलाई 2021 की बोर्ड बैठक में यह निर्णय बोर्ड ने ले लिया था कि पालिका क्षेत्र की किसी भी तरह की जमीन को अनुज्ञा पत्र या खांचा भूमि के नाम आंवटन नही करना है तो मामला क्यो आगे बढा जो आज राजस्थान हाइकोर्ट तक जा पहुंचा है। यह पालिका प्रशासन की मिलीभगत का मामला लगता है जो सांठ-गांठ कर पालिका अधीन की जमीन को कौडियो के दाम दिये जाने का खेला रचा गया है। उन सभी दोषियो के विरुद्ध कानूनी तौर पर मामला दर्ज करवाना चाहिए।

अन्य सदन में मौजूद पार्षदो ने माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर द्वारा रिट पीटीशनरो के लिए जो भी निर्णय दिया है उसका विरोध जताते हुए उचित कार्रवाई करवाते हुए प्रकरण को निरस्त करने की मांग रखी।

सभी उपस्थित सदस्यो की राय अनुसार अधिशाषी अधिकारी मगराज चौधरी ने सदन को बताया कि बोर्ड सदस्यो ने जो भी निर्णय दिया है इसे राजस्थान उच्च न्यायालय में जो बोर्ड को गुमराह कर कार्य किये है ठोस तथ्यो के साथ याचिका को निरस्त करवाया जायेगा और उन सभी अनुज्ञाधारको को उनकी पालिका कोष में जमा राशि को पुनः लौटाए जाने की सार्वजनिक सूचना जारी कर दी जायेगी। मियाद अवधि में यदि ऐसे सभी भूमि मांगकर्ता अपनी राशि वापस नही लेते है तो फोरफीट मानी जायेगी। एवम् इस मामले या एम्पावर्ड कमेटी जो 23 सितंबर 2023 को आयोजित हुई थी और अनुज्ञा पत्र व खांचा भूमि दिये जाने का प्रस्ताव रखा था उस कमेटी में उपस्थित हस्ताक्षरकर्ता के विरुद्ध जो भी कानूनी कार्रवाई बनेगी वह अमल में पालिका अधिशाषी अधिकारी द्वारा लाई जायेगी।

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