विकलांग अथवा लावारिश गौवंश की सुपुर्दगी अपनाने से इन्कार करने पर गौशाला को निधि से सहायता राशि देय नहीं होगी
पाली, 31अगस्त 2024/सड़को पर विचरण करने वाले निराश्रित/बेसहारा गौवंशों को नजदीकी गौशालाओं में स्थानानारित करने किया जाएगा। यदि कोई गौशाला संचालक ऐसे गौवंशों को लेने से इनकार करता है तो उनके विरूद्ध पशु पालन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ मनोज कुमार पंवार ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर बताया कि जिले में सड़को पर विचरण करने वाले निराश्रित/बेसहारा गौवंशों में निरन्तर वृद्धि होने के कारण सड़कों पर आवागमन बाधित होने के साथ ही निरन्तर दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। जिला कलक्टर एलएन मंत्री के निर्देशानुसार नगर परिषद, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया एवं टोल प्लाजा द्वारा सड़को पर विचरण करने वाले निराश्रित / बेसहारा / पशुपालकों के गौवंशों को जिले की अनुदानित गौशालाओं में स्थानान्तरित किया जाना है। इस निर्देश की पालना में पशु पालन विभाग ने गौशालाओं के संचालकों को निर्देशित किया कि प्रशासन द्वारा भिजवाये जाने वाले निराश्रित / बेसहारा गौवंशों को (न्यूनतम 50 या अधिकतम क्षमता अनुसार) गौशाला में सौंपे जाने पर उनको आश्रय दिया जाना सुनिश्चित करे तथा नजदीकी पशु चिकित्सा अधिकारी से उनके टैग लगाकर ऑनलाईन एंट्री करवाये तथा इसकी सूचना इस कार्यालय को भी दिया जाना सुनिश्चित करे। पूर्व में कुछ अनुदानित गौशालाओं द्वारा प्रशासन द्वारा भिजवाये जाने वाले निराश्रित/बेसहारा गौवंशों को लेने में से इनकार किया गया है। जबकि निदेशालय गोपालन के द्वारा जारी दिशा निर्देश अनुसार गौशाला में संधारित गौवंश के भरण पोषण के लिए दी जाने वाली सहायता राशि के लिए जारी दिशा निर्देशों के बिन्दु संख्या 2(11) में स्पष्ट वर्णित हैं कि संस्था द्वारा गौवंशीय पशु वध की प्रतिक्षेध और अस्थायी प्रवजन या निर्यात अधिनियम 1995 के अन्तर्गत जब्त अथवा जिला प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था या जन सुविधा की दृष्टि से निराश्रित / असहाय / विकलांग अथवा लावारिश गौवंश की सुपुर्दगी अपनाने से इन्कार करने पर ऐसी गौशाला को निधि से सहायता राशि देय नहीं होगी। यदि कोई गौशाला प्रबंधक, अध्यक्ष, सचिव ऐसे गौवंशों को लेने से इनकार करता है तो उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।