जनहितार्थ के लिए आजादी से पूर्व आगे आए थे तखतगढ़ के दानवीर
तखतगढ़ को धन्ना क्षेत्रों की नगरी कहा जाए तो कोई
तखतगढ़ (पाली )देवाराम मीणा
तखतगढ के लाल भले ही कर्मभूमि में सात समन्दर पार हो ,देशावरो में व्यवसायरत हो मगर अपनी मातृभूमि को भुलाय नही भूले है ,उनके दिल में हमेशा ही अपनी जन्म भूमि के प्रति लगाव रहा है ।उनका जन्मभूमि तखतगढ के प्रति प्रगाढ़ प्रेम और परोपकार के बसा हुआ है । ऐसे कई दानवीर भामाशाहो ने तखतगढ़ में वर्षो पूर्व अस्पताल के साथ-साथ कई स्कूल भवनों का निर्माण किया गया ,जो आज उदाहरण बने हुए है वर्षों पूर्व जनपयोगी सोच उन दानवीरो की रही आज उनसे प्रेरणा लेकर अन्य भामाशाह भी नगर के जनहित के कार्यो में आगे आए है ।आइए आपको ले चले उन जनपयोगी भवनो की ओर
तखतगढ़ कस्बा लगभग 150 वर्षों पूर्व जोधपुर के तत्कालीन महाराजा तख्तसिंह जी ने बसाया था । वर्तमान में तखतगढ़ पाली जिले के सुमेरपुर तहसील के अंतर्गत है आता है स्वतंत्रता पूर्व के लिए दाताओ ने की दूरगामी सोच तो देखो जिसकी हम आज कल्पना ही नही कर सकते वृहद स्तरीय अस्पताल भवन ,संघवी केशरी राजकीय उ० मा० विद्यालय भवन (हाईस्कूल ) मगीबाई कन्या विद्यालय ,पशु चिकित्सालय भवन सहित बनवाकर सपूर्द किए जहा आज भी संचालन हो रहा है |